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#AdivasiAwaaz is a project by Adivasi Lives Matter (ALM) and Prayog, CG to help the Adivasi (Indigenous) youth of India assert their identities through digital stories to preserve, promote and amplify Adivasi identity.
मागे पर्व:- नारी और जननी को समर्पित पर्व
मागे का अर्थ है 'स्त्री तुम ही हो'। मागे पर्व, मानव के उत्पत्ति यानी सृष्टि की रचना का पर्व है। मागे पर्व 8 दिनों का होता है।
Rabindra Gilua
Feb 19, 20223 min read


6 ways to revive your Adivasi culture
Here are the six ways which will help us to gain a grip on our identities which have been tried to erase.
Evanjelina Kullu
Feb 10, 20223 min read


सेरेंगसिया घाटी: - कोल विद्रोह के शहीदों को यहाँ किया जाता है नमन
अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ हुए कोल विद्रोह में 'हो' आदिवासियों का मुख्य योगदान रहा है। पोटो हो जैसे अनेक महान क्रांतिकारी इस विद्रोह में शहीद हुए।
Rabindra Gilua
Feb 2, 20225 min read


क्या पंडो जनजाति की यह कला लुप्त हो रही है?
कोरबा जिले के बिंझरा गाँव में रहने वाले पंडो समुदाय के लोग बांस से सुपा, टोकरी, झांसी आदि बनाने के लिए जाने जाते हैं।
Varsha Pulast
Jan 29, 20222 min read

जसिंता केरकेट्टाः विकास के दंश, प्रेम और आशाओं को कविताओं में पिरोती एक कवयित्री
झारखंड की इस युवा कवियत्री ने अपने कविताओं के जरिए आदिवासीयों की संस्कृति और उनकी समस्याओं को बेहतरीन तरीके से सामने लायी हैं।
Feminism in India
Jan 28, 20229 min read


जानिए कौन थे आदिवासी क्रांतिकारी टंट्या भील?
1857 का वो योद्धा जिसकी बहादुरी को देख अंग्रेज़ों ने उन्हें 'इंडियन रॉबिन हुड' नाम दिया था।
Sushil M. Kuvar
Jan 26, 20226 min read


जानिए पण्डों जनजाति के सैला नृत्य के बारे
इस नृत्य को गाँव के युवक सीखकर घर-घर में नाचने जाते हैं और दान में मिले चवाल आदि से पूरा गाँव वनभोज करता है।
Santoshi Pando
Jan 24, 20222 min read


आदिवासी लोक नृत्य को मिला युवा हाथों का सहारा
गरियाबंद के जितेंद्र नेताम जी गाँव के युवाओं को मंदारी नृत्य सिखाते हैं। उनकी नृत्य मंडली से जुड़कर युवा अपनी संस्कृति की ओर भी लौट रहे हैं।
Tumlesh Neti
Jan 17, 20223 min read

लौह तथा ऐलुमिनियम के विभिन्न औजार बनाने में माहिर हैं अगरिया समुदाय की यह महिला
कोरबा जिले के रहनी वाली मंगल कुंवर अगरिया अपने पूर्वजों से इस कला को सीखीं हैं।
Rajender Kanwar
Jan 16, 20222 min read

क्रिकेट प्रतियोगिता के जरिए सामाजिक एकता और भाईचारा को बढ़ाते हैं चेरवा जनजाति के लोग
इस प्रतियोगिता के जरिए समाज के सभी लोगों को एक स्थान पर मिलने का अवसर मिलता है। समुदाय में एकता, भाईचारा बढ़ती है।
Rakesh Nagdeo
Jan 11, 20223 min read

जानिए खरसांवा शहिद स्थल पर एक जनवरी को क्या होता है?
एक जनवरी को खरसांवा में बिताए गए मेरे अनुभव। असल उद्देश्य से भटक रहे हैं यहाँ आने वाले हजारों लोग।
Rabindra Gilua
Jan 5, 20226 min read


क्यों कोल्हान के आदिवासियों के लिए काला दिवस है एक जनवरी?
एक जनवरी 1948 को खरसांवा गोलीकांड में हज़ारों आदिवासियों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने जुटते हैं लाखों लोग।
Nitesh Kr. Mahto
Jan 1, 20225 min read


क्यों इस त्योहार के बाद ही शादी कर सकते हैं बिंझवार समुदाय के लोग?
बात देवउठनी त्योहार की जो बिंझवार समुदाय के आदिवासी हर साल कार्तिक एकादशी में मनाई जाती है।
Jagmohan Binjhwar
Dec 29, 20212 min read

क्या है उरांव समुदाय की 'तहरी मंडी' और उसके रीति रिवाज?
तहड़ी मंडी' उरांव जनजाति की दिवाली त्योहार में पकाई जाने वाली एक विशेष पकवान है। यह चांवल और चिकन को एक साथ पकाकर बनाई गई पकवान होती है।
Manohar Ekka
Dec 4, 20214 min read

धरती आबा, बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर उलिहातु में बिताए गए एक दिन का अनुभव
बिरसा मुंडा के जन्मदिवस मनाने उनके गाँव जाने पर अनेक चीज़ों के बारे पता चला। उन्हीं अनुभवों का विवरण इस लेख में है।
Rabindra Gilua
Dec 2, 20215 min read


बिरसा मुंडा कौन थे? क्रांतीकारी या चमत्कारी?
भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर लिखी गई इस लेख में उनके जीवन के अनेकों अनसुने तथ्य मिलते हैं।
Pankaj Bankira
Nov 17, 202110 min read

क्या भगवान बिरसा मुण्डा जैसे क्रांतिकारियों की आवश्यकता छत्तीसगढ़ में भी है?
भगवान बिरसा मुंडा के सपने अधूरे हैं, जल जंगल ज़मीन को लेकर आज भी आदिवासी संघर्ष कर रहे हैं।
Tumlesh Neti
Nov 16, 20213 min read


Adivasis At COP 26: Our Worldviews Must Be Respected And Emulated To Ensure Climate Justice
"We were termed backward and inferior because of our worldview but now the world is waking up to its importance"- Archana Soreng
#AdivasiLivesMatter
Nov 11, 20213 min read


क्या पूरी दुनिया को आदिवासियों से पर्यावरण संरक्षण के बारे सीखना चाहिए?
दुनिया में हो रही पर्यायवरण की समस्या का एकमात्र समाधान आदिवासियों की रीति रिवाजों में है।
Deepak Kumar Sori
Nov 4, 20213 min read

पाँच प्रकार के अन्नों को उगाकर प्रकृति से सुख-शांति की कामना करते हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी
धान, गेहूँ, चना, तिल एवं जौ को उगाकर 'जवा' की पूजा की जाती है। 'जवा' के दीपक को प्राचीन तरीके से जलाया जाता है।
Varsha Pulast
Oct 17, 20212 min read


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