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#AdivasiAwaaz is a project by Adivasi Lives Matter (ALM) and Prayog, CG to help the Adivasi (Indigenous) youth of India assert their identities through digital stories to preserve, promote and amplify Adivasi identity.
इस रोटी के बिना गोंड आदिवासियों में विवाह होना संभव नहीं
चावल आटे से बने हुए चीला रोटी की मांग सभी क्षेत्रों में नहीं है, कोरबा जिला के कुछ क्षेत्रों में ही ऐसा रिवाज है।
Tara Sorthey
Jun 10, 20223 min read


विश्व पर्यावरण दिवस पर आदिवासियों द्वारा जल-जंगल-ज़मीन बचाने का प्रण लिया गया
जनजातियों का प्राकृतिक के साथ अटूट संबध है वनों की अंधाधुंध कटाई से जनजाति संस्कृति भी खतरे में आ गयी है।
Tejkaran Jade
Jun 9, 20222 min read


Tribals, Tribunals And Tribulations: The Destruction Of Forests In Chhattisgarh
The animals, the rivers, and the soils will leave their essence behind, not the existence of one of their kind.
Paras Verma
Jun 3, 20226 min read


जानिए बढ़ते तापमान के वजह से कैसे आदिवासियों की कृषि प्रभावित होने वाली है?
आदिवासीयों का जीवन पूरी तरह से प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ है, प्रकृति में यदि थोड़ा भी बदलाव हो तो उसका असर आदिवासियों के जीवन पर पड़ता है।...
Ajay Kanwar
Jun 2, 20223 min read


भीषण गर्मी से सुख गए कुएँ, तालाब और पोखर, ग्रामीण आदिवासी हैं परेशान
दिनों दिन जल स्तर घटता जा रहा है, कुआँ अब मात्र एक गड्ढा बनकर रह गया ही जहाँ लोग कचरा फेंकने लगे हैं।
Anchal Kumari
Jun 1, 20222 min read


अपने कविताओं द्वारा समाज में परिवर्तन लाना चाहता है यह युवक
गौतम चंद्र प्रजापति अपने गाँव क्षेत्र में कविताओं के माध्यम से अपनी भावनाओं को प्रकट करते रहते हैं।
Rakesh Nagdeo
May 24, 20222 min read


अपनी संस्कृति को बचाने हेतु गोंड आदिवासियों ने किया महाधिवेशन
यह विकास खण्ड छुरा के बोडराबांधा में सम्पन्न हुआ जिसमें कई हज़ारों की संख्या में गोंड आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए।
Deepak Kumar Sori
May 13, 20222 min read


जानिए गर्मियों में किन फलों पर आश्रित रहते हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी?
जंगली फल पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ सेहत के लिए काफ़ी फायदेमंद होते हैं, गर्मियों के दिनों में सबसे अधिक वनोत्पाद निकलते हैं।
Santoshi Pando
Apr 29, 20222 min read


लोकेश्वरी नेताम:- आदिवासियों की शेरनी के रूप में जाने जाती है यह समाजसेविका
गरियाबंद जिले का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहाँ लोकेश्वरी नेताम खुद जाकर आदिवासी परिवारों से ना मिली हों।
Tumlesh Neti
Apr 28, 20223 min read


जानिए महुआ वृक्ष को क्यों माँ मानते हैं गोंड आदिवासी?
जब हज़ारों वर्षों पहले धान, गेहूं, कुटकी, कोदो आदि नहीं होते थे तब आदिवासी लोग इसी महुआ के इरुक लेते थे महुआ के फल-फुल को उपयोग में लाते थे।
Chaman Netam
Apr 26, 20222 min read


आदिवासियों के इस गाँव में नहीं है कोई आंगनबाड़ी, बच्चे अच्छे स्वास्थ्य और शिक्षा से हो रहे हैं वंचित
ढूँढ़नीपानी गाँव की आबादी बहुत ज्यादा नहीं होने के कारण यहाँ पर कोई भी आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है। यहाँ कमार जनजाति के लोग रहते हैं।
Deepak Kumar Sori
Apr 24, 20223 min read


जातिय मिलान:- अंतरजातीय विवाह के कारण समाज से निकाले गए व्यक्ति को वापिस शामिल किया जाता है
जनजातियों में अपने से दूसरे जनजाति में विवाह करने की परंपरा नहीं रही है। अक्सर युवा-युवती भागकर ही शादी करते हैं।
Rakesh Nagdeo
Apr 20, 20222 min read


जानिए बोडानाला गाँव के बारे, जो तीनों ओर से पानी से घिरा है
यह गाँव काला हीरा का खदान कहलाने वाला कोरबा से 60 से 70 किलोमीटर की दूरी पर है। ज्यादातर इस गाँव में बिरहोर समुदाय के आदिवासी ही रहते हैं।
Manrakhan Singh Agariya
Apr 14, 20222 min read


जानिए गोबर के राख से कैसे अपने पौधों को सुरक्षित रखते हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी?
पौधे की पत्तियों, फूलों और फलों को कीड़ों से बचाने के लिए गोबर के कंडों और लकड़ी के राख का प्रयोग किया जाता है।
Ajay Kanwar
Apr 13, 20223 min read


जानिए धवई फूल के बारे, जो बन रहा है आदिवासी महिलाओं के आमदनी का एक बड़ा स्रोत
इसका वैज्ञानिक नाम वुडफोर्डिया फ्रूटीकोसा है, इसके फूल को तिल के तेल के साथ मिलाकर बनाया गया लेप जलने और छिलने पर लगाया जाता है।
Jagmohan Binjhwar
Apr 8, 20223 min read


जानिए कैसे अपना संघर्षपूर्ण जीवन जीतीं हैं ग्रामीण आदिवासी महिलाएं?
पुरुषों से ज्यादा संघर्ष कर के अपने जिम्मेदारियों का सही से निर्वाहन करने के बाउजूद महिलाओं को कम सम्मान मिलता है ।
Rakesh Nagdeo
Apr 6, 20222 min read


क्या आदिवासी युवाओं को नशा के ख़िलाफ़ जागरूक करने की आवश्यकता है?
एक आदिवासी युवा बचपन से ही नशा करना सीख जाता है। आजकल मोबाइल का नशा भी चिंता का विषय बनता जा रहा है।
Tumlesh Neti
Apr 5, 20223 min read


जानिए गोंडी आदिवासियों के पर्व, सृष्टि दिवस के बारे में
यह पर्व फाल्गुन पूर्णिमा के दिन हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन सृष्टि का पहला पहला पुंगार (फुल) खिला था।
Chaman Netam
Mar 31, 20222 min read


सोनी सोरी 11 सालों बाद हुईं रिहा, पुलिस और न्यायिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल
उन पुलिस कर्मियों को सज़ा नहीं दी जा रही जिन्होंने महिला के साथ यौन और मानसिक उत्पीड़न की घटना को अंजाम दिया था।
Khabar Lahariya
Mar 29, 202214 min read


जानिए छत्तीसगढ़ के आदिवासी, मुहँ में हुए छाले किस भाजी से दूर करते हैं?
आदिवासी इसे सुनसुनिया भाजी कहते हैं। इसे कच्चा भी खाया जा सकता है और सुखाकर भी खा सकते हैं। खाने में इसका स्वाद हल्का मीठा होता है।
Ratna Agariya
Mar 26, 20222 min read


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