top of page
#AdivasiAwaaz is a project by Adivasi Lives Matter (ALM) and Prayog, CG to help the Adivasi (Indigenous) youth of India assert their identities through digital stories to preserve, promote and amplify Adivasi identity.
Rabindra Gilua
Jun 8, 20235 min read
ओडिशा रेल हादसे में दो दिन सेवा देने का अनुभव
यह लेख ओडिशा रेल हादसे के बाद की स्तिथि का चित्रण करते हुए सरकारों की कार्यशैली पर प्रश्न उठाने के साथ ही वास्तविकता पर प्रकाश डालती है।
Rabindra Gilua
Oct 6, 20225 min read
आदिवासी भाषाओं के लिए 21वीं सदी की चुनौतियां
अगर हम अपने भाषा को तव्वजो नही देंगे तो अपनी पहचान खुद खो देंगे और हमारी जड़े अपने आप कटने के लिए मजबूर हो जायेंगी।
Rabindra Gilua
Apr 22, 20223 min read
इस पृथ्वी दिवस पर जानिए कैसे आदिवासीयों की वजह से हमारी पृथ्वी बची हुई है?
आदिवासी समुदाय के लोग इस चीज़ को क़रीबी से जानते हैं, इसीलिए हमेशा से ही जल-जंगल-ज़मीन को बचा कर रखते आए हैं।
Rabindra Gilua
Apr 4, 20224 min read
बा: पर्व - हो आदिवासियों का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार
बा: का अर्थ फूल है अर्थात फुलों का त्योहार। बा: पोरोब प्रकृति को सम्मान देने के लिए ही मनाया जाता है।
Rabindra Gilua
Mar 19, 20224 min read
मिलिए समाज की बेड़ियों को तोड़कर समाजसेवा करने वाली आदिवासी महिलाओं से
ये महिलाएं न सिर्फ़ अपने प्रति हुए शोषण से संघर्ष कर बाहर आई हैं, बल्कि अपने जैसे अनेकों महिलाओं का सहारा भी बन रही हैं।
Rabindra Gilua
Feb 19, 20223 min read
मागे पर्व:- नारी और जननी को समर्पित पर्व
मागे का अर्थ है 'स्त्री तुम ही हो'। मागे पर्व, मानव के उत्पत्ति यानी सृष्टि की रचना का पर्व है। मागे पर्व 8 दिनों का होता है।
Rabindra Gilua
Feb 2, 20225 min read
सेरेंगसिया घाटी: - कोल विद्रोह के शहीदों को यहाँ किया जाता है नमन
अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ हुए कोल विद्रोह में 'हो' आदिवासियों का मुख्य योगदान रहा है। पोटो हो जैसे अनेक महान क्रांतिकारी इस विद्रोह में शहीद हुए।
Rabindra Gilua
Jan 5, 20226 min read
जानिए खरसांवा शहिद स्थल पर एक जनवरी को क्या होता है?
एक जनवरी को खरसांवा में बिताए गए मेरे अनुभव। असल उद्देश्य से भटक रहे हैं यहाँ आने वाले हजारों लोग।
Rabindra Gilua
Dec 2, 20215 min read
धरती आबा, बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर उलिहातु में बिताए गए एक दिन का अनुभव
बिरसा मुंडा के जन्मदिवस मनाने उनके गाँव जाने पर अनेक चीज़ों के बारे पता चला। उन्हीं अनुभवों का विवरण इस लेख में है।
bottom of page