top of page
Deepti Mary Minj

महिला किसान क्या कहलाती? कितना कमाती?

जून के महीने ने दी बारिश का पैगाम–

भोर सबेरे तीयन (1) बना निकली करने काम.

ज़मीन में सर को अपने अभिमान सा गाड़कर,

पीठ को अपने ईमान सा झुकाकर,

लेरा (2) बिछती रहती।

कोई कुदाल से, तो कोई नंगे हाँथ से;

लेकिन, धूल और बारीक़ कंकड़ तो सबके नाखूनों में फंसे।

जब आदमी ने दो बार हल चलाकर–

ज़मीन जोतकर, निकल गए दूसरे काम पर.

तब धूप में जलाती रही तलवे और बाल,

धूप में सूखती मिटटी को फोड़ने,

जड़ से निकाल घाँस फेंकने.

इन महिलाओं और लड़कियों की कमाई से;

ही ढांढ (3) बना खेत रे!

फिर भी ये क्या कहलाती? कितना कमाती?

जुलाई में मानसून का हुआ आगाज़–

देर साँझ में लौटी घर पहन पसीने का ताज.

ज़मीन में सर को अपने अभिमान सा गाड़कर,

पीठ को अपने ईमान सा झुकाकर,

दिनभर, रोपा (4) रोपती रहती।

कोई देसी वैरायटी, कोई बिदेसी वैरायटी का रोपा बोती;

लेकिन, दस घंटे के काम में कमर तो सबकी टूटी।

जब आदमी ने बाजार से बीज और डी.डी.टी. लाया–

आँधी और बिजली ने खूब डराया।

मगर डटी रहती रोपा रोपने,

उनके दृढ़ता के सामने,

पहाड़ ने भी घुटने टेके।

कोई गर्दन और कंधे के बीच कांपती छतरी फंसाकर, कोई बिना छाते के;

लेकिन, पानी में मचलते पैर तो सबके गले।

फिर भी ये क्या कहलाती? कितना कमाती?

नवंबर में जब कटाई का समय आता–

चार महीनों में लड़कियाँ भी अपने रोपे फसल को,

काटने के काबिल हो जाती।

फसलों के बीच फांकों को देख पहचानिए,

कि यहां नौसिखए बच्चियों ने रोपने सीखी।

वो हँसियाँ से धान काटती,

बदले में धान के गुच्छे भी उनके हाँथों को कटती।

बार-बार, सालभर नारी किसान बनती,

ज़मीन में सर को अपने अभिमान सा गाड़कर,

पीठ को अपने ईमान सा झुकाकर।

साँप और बिच्छू के छिपे खतरे से बचकर कमाती (5),

भूखे-प्यासे, भूख-प्यास मिटाने को कमाती।

किसी को भाग्य से घोंगे मिलते, कोई ज्ञान (6) से खुखड़ी उठाती,

फिर भी ये क्या कहलाती? कितना कमाती (7)?

-------------------

अर्थ

1. तीयन- सब्ज़ी का व्यंजन

2. लेरा- घास, ऊंचे पौधे या पिछली खेती के जड़

3. ढांढ- खेती से पहले बिना जोता या बोया ज़मीन

4. रोपा- धान या किसी भी फसल के छोटे पौधे

5. लेखिका जिस आदिवासी ग्रामीण इलाके के अनुभव से लिखती हैं, वहाँ निरपेक्ष इस बात के कि किसी काम के लिए पैसा मिल रहा या नहीं– बोलचाल की भाषा में काम करने को ‘कमाना’ कहते।

6. ये जानकारी होना कि कोई (खास) खुखड़ियाँ कहाँ निकलती हैं, ज्ञान प्रणाली का हिस्सा है

7. यहाँ कमाने के आर्थिक पहलू और स्थिति का प्रश्न उठाया जा रहा है


लेखक परिचय : दीप्ति मैरी मिंज जेएनयू से विकास और श्रम अध्ययन में स्नातक की हुई हैं। वे आदिवासियों, महिलाओं, विकास और राज्य की नीतियों के मुद्दों पर शोध करती हैं और उनपर काम करती हैं।

Comments


bottom of page