मनोज कुजूर द्वारा सम्पादित
आप सभी भली-भांति जान रहे होंगे कि, चाहे वह गांव हो या शहर जिसे जोरों-शोरों से डिजिटल इंडिया बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कई दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां आज भी तमाम योजनाएं गांव के लोगों तक पहुंचने से पहले दम तोड़ती नजर आ रही है। हम बात कर रहे हैं ऐसे गांव की जहां आज भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। बिजली ही नहीं बल्कि प्राशासन के द्वारा चलाए जा रहे तमाम योजनाओं का लाभ भी नहीं उठा पा रहे हैं।
हम सभी जान रहे हैं कि, छत्तीसगढ़ राज्य का कोरबा जिला बिजली उत्पादन के मामले में सबसे आगे है। सभी लोग को भलीभांति मालूम है कि छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन के मामले में देश में नंबर वन है। विगत कुछ सालों से लगातार बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी भी आई है। जिसमें कोरबा जिला का योगदान सबसे ज्यादा रहा है। यहां कोरबा ताप विद्युत संयंत्र 50 साल तथा हसदेव ताप विद्युत संयंत्र 35 साल पुराना है। यह दोनों संयंत्र विद्युत उत्पादन के मामले में सबसे आगे चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला, ऊर्जा नगरी के नाम से भी जाना जाता है। जहां ऊर्जा का विशाल भंडार है। विद्युत उत्पादन के साथ-साथ कोरबा जिला में कोयला उत्पादन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। एक तरह से कहा जाए तो जिले की पहचान ऊर्जा नगरी के रूप में किया जाता है। लेकिन, यहां जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जिले के अधिकांश ग्राम में बिजली की व्यवस्था आज भी नहीं हो पाई है।
कोरबा जिले के पोंडी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला कोडगार ग्राम, जहां 12 मोहल्ला है। जिसमें से दो मोहल्ले में आज भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। बिजली की समस्या को देखते हुए हमने गांव के ही निवासी जिनका नाम लक्षन सिंह है, जिनका उम्र 55 साल है। उनसे हमने गांव के समस्याओं के बारे में बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि, गांव में आज भी बहुत तरह की समस्याएं होती है जैसे बिजली की समस्या, पानी की समस्या आदि। उन्होंने हमें और भी जानकारी दी कि, एक गांव में कई तरह के समुदाय के लोग रहते हैं, जिसमें आधे लोगों के घर बिजली तो पहुंच जाती है लेकिन और लोगों के घर मे बिजली ही नहीं पहुंच पाती है। इस गांव में गोंड आदिवासी मोहल्ला और हरिजन मोहल्ला और कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां बिजली ही नहीं है। बिजली न होने के कारण उन लोगों को ऐसे बहुत से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसका अनुभव हम सब नहीं कर सकते है। वे लोग अंधेरा को दूर करने के लिए चिमनी, दीया-सलाई, टॉर्च को जलाकर अपने समस्या का समाधान करने में लगे रहते हैं। कई सालों से ये लोग बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। जिसका समाधान आज तक नहीं हो पाया है। बिजली की समस्या को दूर करने के लिए गांव के लोगों के द्वारा कई बार प्रयास किया जा चुका है। लेकिन इसका असर आज भी प्रशासन पर नहीं दिख रहा है। गांव के इन दो मोहल्लों में रहने वाले 23 लोगों के जो सपने हैं, वह बिजली की आश में ही अटकी हुई है।
गांव के प्रतिनिधियों के द्वारा भी बिजली पूर्ति के लिए आवाज उठाया गया। आइए जानें प्रतिनिधियों का क्या कहना है?
गांव के जो मुखिया होते हैं वे गांव में रहने वाले लोगों को शासन की तरफ से आए हुए सभी योजनाओं के बारे में अवगत कराते हैं। साथ ही सभी लोगों को योजनाओं के बारे में रूबरू कराते हैं। अगर गांव में कोई भी समस्याएं होती है तो उसका समाधान करने का प्रयास करते हैं। वे सभी जनप्रतिनिधि पंच, सरपंच, उपसरपंच के द्वारा भी गांव के पंचायत में लगने वाले जन शिविर में भी कई बार बिजली पूर्ति के लिए आवेदन दिया जा चूका है।
लेकिन, आज भी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। डिजिटल युग में यहां के लोग आज भी पानी-बिजली जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। कई शहरों और कई गांव में देखा जाए तो तमाम योजनाओ का लाभ उठा रहे हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी है, 'बिजली'। वह उन लोगों तक पहुंच ही नहीं पा रही है। यहां हम सिर्फ एक ही गांव के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। ऐसे बहुत से गांव हैं जहां आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।
आइए जाने बिजली न होने से गांव के लोगों को क्या-क्या समस्याएं होती है।
गांव के लोगों का कहना है कि, बिजली ना होने से उनके बच्चे रात में ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते है। जिससे उनके बच्चे पढ़ाई में पीछे ही रह जाते हैं। शासन प्रशासन के द्वारा हमेशा यह कहा जाता है कि बच्चों को अच्छे से पढ़ाई लिखाई करनी चाहिए। विद्यालयों में तो अच्छे से पढ़ाई हो ही जाती है लेकिन बिजली न होने से रात में कहीं ना कहीं पढ़ाई-लिखाई में बाधा उत्पन्न हो ही जाती है। अंत में बच्चे पढ़ ही नहीं पाते और पढ़े लिखे ना होने के कारण वे शासन के द्वारा मिलने वाले तमाम योजनाओं का लाभ भी नहीं उठा पाते हैं और ना ही अपनी समस्याओं को दूसरों के सामने रख पाते हैं।
आइए हम बात करते हैं उन घरों की जहां बिजली न होने की कोई भी परेशानी नहीं है।
हम उन लोगों के घरों की बात कर रहे हैं। जिनके घर में हमेशा बिजली की सुविधा रहती है। लेकिन एक दिन बिजली गुल हो जाए तो, लोग हड़बड़ा उठते हैं। इसमें सोचने की बात यह है कि कई गांवों में कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां कई सालों से बिजली पहुंच ही नहीं पाई है। उन लोगो का जीवन किस तरह से व्यतीत हो रहा होगा, हम इसकी कल्पना नहीं कर सकते हैं। जिन घरों में बिजली आपूर्ति नहीं है, उन घरों में रहने वाले लोगो के लिए अंधेरे में रहना कितना कठिन होगा, वह सिर्फ वही लोगों महसूस कर सकते हैं। लोगों की समस्याओं को देखते हुए गांव के जनप्रतिनिधियों के द्वारा सौर ऊर्जा प्लेट की व्यवस्था की गई है।
जिसे तीन लोगों के घरों के लिए दिया गया है। ताकि, कुछ हद तक उन लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके। छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में अव्वल नंबर पर है। परंतु इस गांव में बिजली का ना पहुंच पाना, बड़े ही दुख की बात है। गांवों में बिजली की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार को बिजली की व्यवस्था में ध्यान देना चाहिए और सभी जगहों में बिजली की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।
नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।
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