पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित
आइए आज हम, ऐसे गांव के बारे में आपको अवगत कराएंगे, जहां मृतक के परिवार को, ग्राम पंचायत में रहने वाले पंच, सरपंच एवं उप-सरपंच सदस्य के तरफ से, कुछ सहायता राशि और 1 क्विंटल चावल प्रदान की जाती है। जबकि, आमतौर पर गांव में, मृतक के घर, गांव के ही लोग उपयोगी वस्तु देने जाते हैं।
हमने, कोरबा जिला के, पोंडी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कोडगार क्षेत्र, जो दो हज़ार लोगों के समूह का एक ग्राम है। इस गांव में आने वाले सभी कार्यों के बारे में, लोगों को अवगत कराना और उनकी मदद करना और सभी कामों के लिए, लोगों को प्रोत्साहित करना, पंचायत के सदस्यों के द्वारा किया जाता है। वे इसके अलावा भी, कई सराहनीय काम करते हैं।
हमने कोडगार ग्राम में रहने वाले पंच, जिनका नाम नोहरलाल सोरठे है और जिनकी उम्र 32 वर्ष है। उन्होंने, हमें बताया कि, उनके पंचायत में 14 पंच-सरपंच कार्यरत हैं। वे लोग पंचायत के पदाधिकारी हैं। हमने, उन सभी सदस्यों से बात की। उन्होंने हमें बताया कि, पंचायत में कुल 13 वार्ड हैं और वार्ड के अनुसार 13 सदस्य, पंचायत में कार्यरत हैं। कोरबा जिला में, यही एक ऐसा गांव है, जहां इस तरह के सराहनीय काम किए जाते हैं। बाकी, दूसरे गांव में, ऐसे किसी भी तरह की पंचायत के तरफ से, किसी भी प्रकार का सहयोग राशि नहीं दी जाती है।
दूसरे ग्राम के अपेक्षा, यहां बहुत से ऐसे सराहनीय काम करते हैं, जो हमेशा चर्चाओं में बने रहते हैं। आस-पास के गांव में भी इन सदस्यों के कार्य को देखकर, हमेशा चर्चा करते रहते हैं। गांव के सभी कामों में, पंच नोहरलाल, उत्तरा कुमारी, शिव प्रसाद, मलेश राम, शुभम कुमार पेंद्रो आदि शामिल होते हैं और गांव के लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए, हमेशा आगे रहते हैं।
हमने गांव में रहने वाले जगत राम और दुसरे लोगों से भी चर्चा किया, जिनके घर सहयोग राशि दी गई। उन्होंने हमें बताया कि, उनके घर में मृतक संस्कार किया गया, जहां पंचायत के तरफ से 1 क्विंटल चावल प्रदान की गई, जिससे हमारे कामों में सहयोग मिल पाया और साथ ही साथ महिला सरपंच के तरफ से 2000 की राशि भी दी गई।
हमने, पंचायत के कार्यकर्ताओं से भी चर्चा किया। कार्यकर्ताओं ने हमें बताया कि, पंचायत के पदाधिकारी होने के नाते, गांव के समस्याओं का समाधान करना और गांव के लोगों की मदद करना, हमारा कर्तव्य है। अगर हम, उनको समस्याओं से बाहर निकालने के लिए, थोड़ा बहुत मदद कर देते हैं। तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, गरीब परिवारों के लिए, यह बहुत बड़ी बात है। हमने, पंचायत के पदाधिकारियों से और भी चर्चा किया कि, इस तरह के ख्याल, कैसे आया कि, मृतक परिवारों को सहयोग राशि दिया जाए। इसपर, उन्होंने हमें बताया कि, हमारे ग्राम में ऐसे बहुत से परिवार हैं, जो नीचे स्तर में आते हैं। जो थोड़ा बहुत काम करके, अपना जीवन-यापन करते हैं। उन गरीब परिवारों के समस्याओं के समाधान के लिए, पंचायत के सभी पदाधिकारियों ने एक समूह गठित किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य, समूह के द्वारा चावल व कुछ राशि देकर, गरीब परिवारों की मदद करना है। और अभी तक, 70 परिवारों को सहयोग राशि प्रदान कर चुके हैं।
मेरा मानना है कि, अगर सभी गांव में इस तरह के सराहनीय कार्य किया जाए, तो गरीब से गरीब लोगों की भी मदद हो जाएगी। क्योंकि, सभी गांव में, ऐसे गरीब तबके के लोग होते हैं, जो अपनी समस्याओं के समाधान करने में असमर्थ होते हैं।
नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।
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