top of page
Writer's picture#AdivasiLivesMatter

आदिवासी लाइव्स मैटर और एकता परिषद ने चलाया कोविड-19 टीकाकरण जन जागरण अभियान

आदिवासी लाइव्स मैटर एवं एकता परिषद् आदिवासियों के लिए कार्य करने वाले दो समाजसेवी संस्थाएं हैं जो भारत के कई राज्यों मैं कार्य कर रही हैं l यह दोनों संस्थाएं वनांचल क्षेत्र में रहने वाले पिछड़ी जनजातियों की संस्कृति, परंपरा, जीवन स्तर आदि को लेकर काम करते हैं l वर्तमान में दोनों संस्थाएं एक साथ मिल कर के कोविड-19 के विषय पे जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं l आदिवासी युवा गाँव-गाँव जाके ग्रामीणों को टीकाकरण के महत्व के बारे में बता रहे हैं।

Covid-19 टीकाकरण की जानकारी देते हुए

ये जागरूकता अभियान इसलिए शुरू किया गया है क्योंकि आदिवासी समाजों में COVID 19 को लेकर के बहुत सारी अफवाएं फैली हुवी हैं। आदिवासी लिव्स मटर और एकता परिषद् के युवा सदस्य विशेष रूप से टीका पर फैली भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में जाकर वीडियो, ऑडियो, एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से लोगों में जन जागरण लाने का एक छोटा सा अभियान चला रहे हैं ताकि लोग जागरूक होकर अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण कराएं। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए एकता परिषद् और आदिवासी लाइव्स मैटर के वॉलिंटियर, जो मोबाइल जनरलिज़्म का कार्य करते हैं, उनको सेवा भावी के रूप में सौंपा गया है। यह टीम आदिवासी समुदायों में जाकर ऑडियो ,वीडियो एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे लोग जागरूक होकर कोरोना टीका लगवाने के लिए तैयार हो सके l


पिछले कुछ महीनों से, जबसे कोरोना के वैक्सीन आये हैं, तबसे ही अनेक प्रकार की भ्रांतियां-अफवाहें फैली हुई है। लोगों के मन में डर पैदा हुई है जिससे वे कोरोना के टीकाकरण कराने में पीछे हट रहे हैं l लोगों में यह भ्रम हो गया है कि टीका लगाने से लोगों की मृत्यु हो रही है, युवाओं में बांझपन हो सकता है, और टीका लगाना अनिवार्य नहीं है इत्यादि l

चयनित आदिवासी युवा

छत्तीसगढ़ में आदिवासी लाइव्स मैटर में मोबाइल जर्नलिज्म कार्य करने वाले अनुभवी आदिवासी युवाओं का चयन किया गया है l यह जन जागरण अभियान चलाने के लिए राज्य स्तर में मॉनिटरिंग करने के लिए मनराखन सिंह अगरिया, जो कोरबा जिला के मूल निवासी हैं, तथा गरियाबंद जिले के आदिवासी युवा तुमलेश नेटी का चयन हुआ है l यह तीन युवा आदिवासी गांव-गांव में जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।


पिछले एक सप्ताह में इन युवाओं ने कोरबा ,गौरेला पेंड्रा मरवाड़ी, कोरिया आदि जिलों में जाकर अभियान चलाया है जिससे लोगों में फैली अफवाहों को दूर किया जा सके l कोरबा जिला के विशेष पिछड़े जनजातियों जैसे: बिहोर, सफेरा, पंडो, धनवार , मांझी एवं अगरिया आदि समुदायों से लगभग 9408 लोगों को जागरूक किया गया है। इसी प्रकार से गौरेला पेंड्रा मरवाही में भी 26000 लोगों से संपर्क कर जान जागरूकता अभियान चलाया गया है l कोरबा जिला में 52 प्रतिशत आदिवासियों ने कोरोना टीका लगवा लिया है, वहीं गौरेला पेंड्रा मरवाही में 82 प्रतिशत लोगों ने टीकाकरण लगवा लिया है।

वालंटियर दीपक सोरी गरियाबंद जिला से
आदिवासी युवा मनराखन सिंह अगरिया कोरबा जिले से
एकता परिषद् वालेंटियर धर्मेंद्र पुरी गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला से

जन जागरण अभियान द्वारा लोगों की समस्याओं का भी जानकारी लिया जा रहा है जैसे कि उनको प्रथम टीका लगने के बाद क्या क्या समस्या आई और जिन्हें दोनों टीका लगा हैं उनको कैसा लग रहा है। इन सभी प्रकार की जानकारियों से हमने यह पता किया की लोगों को लाभ के साथ-साथ कुछ को हानि भी हुवी l आदिवासी समुदायों में टीकाकरण तो हुआ लेकिन कुछ लोगों को पर्ची नहीं दिया गया। कुछ लोगों ने आगे बताया की प्रथम बार जब 45 वर्ष से ऊपर वालों को टीका लगा तो उनका किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य चेकअप नहीं किया गया, सीधा COVID19 का टीका लगा दिया गया जिससे कुछ लोगों में समस्या आया है। र्तमान समय में 18 वर्ष से ऊपर वाले आदिवासी युवाओं में जागरूकता नजर आ रही है जो कोरोना टीका लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। लेकिन अभी भी कुछ लोग भ्रम की स्थिति में है l इस जान जाकरूकता अभियान के चलते उम्मीद है की हम उनका भी वैक्सीन के प्रति भई को दूर कर सकेंगे।

Comments


bottom of page