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मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से, गांव के आदिवासियों के चेहरे में आई खुशी

Updated: Mar 4, 2023

पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित


आप सभी जान रहे हैं कि, अभी फिलहाल मुख्यमंत्री जी का आवागमन, गांव क्षेत्रों में हो रहा है। गांव के लोगों की समस्याओं को जानने के लिए मुख्यमंत्री जी, सभी प्रदेशवासियों से मुलाकात कर रहे हैं और साथ ही समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं। कोरबा जिला के अंतर्गत आने वाला पिपरिया गाँव, जो एक वनांचल क्षेत्र है, जहां कई तरह के समस्याएं भी हैं। और उन सभी समस्याओं का, कई सालों से समाधान भी नहीं हो पाया था। ऐसे कई गांव आते हैं, जहां बहुत से समस्याएं होती हैं। इसी तरह के समस्याओं को जानने के लिए मुख्यमंत्री जी, आम जनता की समस्या को सुनने के लिए, ग्राम पिपरिया में आये और सभी समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश किये। मुख्यमंत्री जी से मिलने के लिए अपनी समस्याओं को बताने के लिए, बहुत दूर-दूर से करीब दस हजार से ऊपर लोग आए हुए थे और उनके स्वागत के लिए डंडा नृत्य भी किया गया था।

भेंट-मुलाकात कार्यक्रम

हमने कोरबा जिला के अंतर्गत आने वाला पिपरिया गांव, जो पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र, पिपरिया, जहाँ मुख्यमंत्री जी सभी लोगों से भेंट मुलाकात करने के लिए आये हुए थे। और आस-पास के गांव के लोग, अपनी समस्याओं को एक-एक करके बताए और मुख्यमंत्री जी ने सभी समस्याओं का हल करने का, सभी लोगों को आश्वासन दिए।

डंडा नृत्य करते हुए

वहाँ हमने लेपरा के निवासी चंद्रकला पोर्ते, जिनकी उम्र 45 वर्ष है, उनसे बातचीत की। उन्होंने राशन कार्ड से जुड़ी जानकारी, मुख्यमंत्री जी से पूछा, जिससे उन्हें पता चला कि, आखिर चना और शक्कर का उचित मूल्य क्या है? हमने और लोगो से भी बात की तो, उन्होंने हमें बताया कि, वे पेंसन से जुडी बातों को समझे। साथ ही साथ गांव में आने वाले, सभी योजनाओं के बारे में लोगों को अवगत कराया गया। ताकि, गांव के लोग उन सभी योजनाओं का लाभ उठा सकें। क्योंकि, गांव में ऐसे बहुत से लोग रहते हैं, जिन्हें सरकारी योजनाओं के बारे में मालूम नहीं होता और वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते। इस प्रकार की समस्या को देखते हुए भी, जनता को भेंट-मुलाकात के दौरान बताया गया और साथ ही साथ समूह के महिलाओं के कार्य को देखते हुए, मुख्यमंत्री जी खुशी व्यक्त किए। उन्हें और आगे बढ़ने की सलाह दिए।

चंद्रकला पोर्ते

जिस तरह से महिला आत्म-निर्भर बन रहे हैं, उसे देखकर महिला समूह के कार्यों की सराहना किये, साथ ही साथ किसान भाइयों के फसलों के, उत्पादन के बारे में भी जानकारी ली और तरह-तरह के खाद के बारे में भी जानकारी दिए। किस तरह से अपने काम को और आगे बढ़ाएं, इसके बारे में भी समूह की महिलाओं के साथ वार्तालाप किए। गौठान में किए जा रहे कार्यों के बारे में भी जानकारी लिए कि, किस तरह से गौठान में खाद बनाया जा रहे हैं और कितने प्रकार के खाद और आगे बनाये जा सकते हैं, जो किसानों की फसल के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। इन सभी बातों का भी चर्चा किए, साथ ही साथ किसानों को जैविक खाद के प्रति उनका रुझान बढ़ाने की भी बात किये। जैविक खाद के द्वारा हो रहे फायदे के बारे में भी किसानों को बताया गया कि, जैविक खाद से किसानों के फसलों में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बारे में चर्चा भी हुई। किसानों ने कहा कि, वह दो सालों से, अपने फसलों के लिए जैविक खाद का ही प्रयोग कर रहे हैं। जिससे उन्हें फसलों में बढ़ोतरी भी देखने को मिली है, साथ ही साथ मिट्टी की उर्वरता शक्ति में भी सुधार देखने को मिल रहा है।


चलिए अब हम आपको बताते हैं कि, लोगों को क्या सौगात मिली


मुख्यमंत्री के द्वारा पिपरिया गांव में, वहाँ के आदिवासियों के 'ठाकुर देवता' जो आदिवासियों के पूजनीय देवता हैं। उनकी स्थापना व 25 देव-गुड़ी का निर्माण करवाने की घोषणा की गई। आप सभी जान रहे हैं कि, आदिवासियों के ऐसे बहुत से देवी-देवता, जिनके देव-गुड़ी का निर्माण नहीं हो पाया था। जिसे देखते हुए, मुख्यमंत्री जी ने 'देवगुड़ी' का निर्माण करवाने का घोषणा किया और साथ ही साथ 'हाट बाजार' की भी निर्माण कराने की घोषणा की। कहीं-कहीं ऐसे गांव भी होते हैं, जहां हाट बाजार स्थित होते हैं, जहां तरह-तरह के बीजों को एकत्रित कर, उस हाट में बेचा जाता है। जो वनोपज के अंतर्गत कार्य किया जाता है, उन गांव क्षेत्रों में, ज्यादातर ऐसे हाट बाजारों का स्थापना करना चाहिए। ताकि, गांव के लोग व आदिवासी लोग, जंगलों से प्राप्त बीजों को उचित मूल्य में बेच सकें।


ग्राम पिपरिया में, नवीन बालक छात्रावास का भी निर्माण कराए जाने की घोषणा हुई। अब हम बात करते हैं, पसान क्षेत्र की। जहां सहकारी बैंक की शाका की स्थापना कराई जाएगी। क्योंकि, आसपास के जितने भी लोग हैं, वे लोग अपनी धान की बिक्री तो गांव में ही कर लेते हैं। लेकिन, उससे प्राप्त राशि को लेने के लिए 80 किलोमीटर की दुरी तय करके, पोंडी उपरोड़ा आना पड़ता है। जिससे किसानों को बहुत ही ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन, अब वह समस्या भी खत्म होने वाली है। क्योंकि, अब पसान क्षेत्र में, सहकारी बैंक का शाखा निर्माण करने की भी बात की गई है। और ऐसे बहुत से समस्याओं का समाधान, मुख्यमंत्री जी ने इस भेंट-मुलाकात में किया।


कोरबी क्षेत्र को, 'हाथी के इलाका' के नाम से भी जाना जाता है। जहां के लोग हाथी के दहशत से, बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं। हाथियों के दहशत को रोकने के लिए, कोरबी क्षेत्र में, रेस्क्यू सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। जिससे कोरबी क्षेत्र के आसपास के सभी लोगों को राहत मिलेगा। अगर हम आदिवासी क्षेत्रों की बात करें तो, आदिवासी क्षेत्रों में ऐसे बहुत से समस्याएं हैं, जो अभी भी खत्म नहीं हुई है और ऐसे समस्या कई सालों से हैं।


अगर हम पहले की तुलना में बात करें तो, पहले की अपेक्षा अभी कई समस्याओं का समाधान हो चुका है और धीरे-धीरे उन सभी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश भी हो रही है। हमने अन्य गांव वालों को, जब उनकी राय पूछी कि, इस भेंट मुलाकात में उन्हें कैसा लगा? इसपर, गांव वालों ने बताया कि, इस भेंट- मुलाकात से उन्हें बहुत अच्छा लगा और बहुत सारी समस्याओं से निजात भी मिली।


नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।


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