top of page
Writer's pictureRameshwari Dugga

डूमर है औषधि से भरपूर, गर्मी में रखे कूल

पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित


आइए हम आपको डूमर के फल से होने वाले लाभ के बारे में अवगत कराते हैं। क्योंकि, डूमर का फल कोई साधारण फल नहीं है, यह पौष्टिक से भरपूर होता है। डूमर का पेड़, जंगलों में और नदी के किनारे पाया जाता है। इसका वृक्ष बहुत विशाल होता है, इसके पत्ते मोटे-मोटे और छायादार होते हैं। यह पेड़ ज्यादातर ऐसी जगहों पर होता है, जहां पर पानी का अच्छा स्रोत होता है, अर्थात जहां पर लंबे समय तक नमी होती है या आसपास में पानी हो। डूमर के फल बहुत ही आकर्षक लगते हैं। डूमर के फूल नहीं होते हैं, इसमें सीधे फल लगते हैं।

डूमर के फल

डूमर (गूलर) के फल को लोग पकने के बाद खाते हैं, डूमर का फल स्वाद में मीठा होता है और इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी भी होती है, जिससे इसको खाने से प्यास भी मिट जाती हैl ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी इस फल को बहुत अधिक पसंद करते हैं और गर्मी के मौसम में इसका उपयोग लू से बचने के लिए भी करते हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी डूमर का पेज (शरबत) बनाकर पीते हैं, जो गर्मी में लू से बचाता है।


यहां के आदिवासी डूमर के पक जाने के बाद, उसको तोड़कर सुखा देते हैं। डूमर को बीच से दो टुकड़ा करके सुखाते हैं। ताकि, वह जल्दी सुखे और जब वह अच्छी तरह से सूख जाता है, उसे कूटते हैं। अच्छी तरह से कूटने के बाद उसे बारिक पीसा जाता है, उसके बाद उसे पकाने में आसानी होती है।

डूमर के फल को सुखाने के लिए तैयार करते हुए

डूमर को चावल और मडिया के साथ पकाते हैं, इसको यहां के क्षेत्रीय भाषा में पेज कहते हैं। लोग गर्मी के मौसम में ठंडा पानी के जगह पेज का सेवन करते हैं। पेज शरीर को ठंडक पहुंचाती है और भीषण गर्मी में लू से बचाती है। बहुत सारे लोग डूमर के फायदे से वंचित होने के कारण, बहुत सारी घरेलू नुस्खे से वंचित रहते हैं। चूँकि, डूमर का फल हमें जंगलों में आसानी से मिल जाता है। लेकिन, लोग उसके उपयोग के बारे में नहीं जानते हैं।


जंगलों में जब आदिवासी शिकार के लिए जाते हैं तो, वे लोग भूख लगने पर इस फल का सेवन करते हैं। इस फल से भूख और प्यास दोनों मिट जाती है। डूमर के फल के अंदर जो छोटे-छोटे दाने होते हैं, उन्हें फूल कहते हैं। आदिवासी इस फूल को अपने माथे में तिलक के रूप में लगाते हैं, उसके बाद ही इस फल का सेवन करते हैं।


लोगों का कहना है कि, अकाल की स्थिति में, आदिवासी जंगलों में इसी फल से अपना भूख और प्यास मिटाते थे। जब उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं होता तो, वे लोग डूमर के फल को ही खाकर रहते थे। इस फल में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं, जो हमारे शरीर से रोगों को दूर करता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी अस्थमेटिक गुण पाए जाते हैं, जिसकी वजह से यह बहुत सारी बीमारियों में फायदेमंद साबित होता है l


नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।

Comments


bottom of page