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Writer's pictureIshwar Kanwar

जानें महुआ का आचार बनाने का नुस्खा

मनोज कुजूर द्वारा सम्पादित


जैसे कि आप सभी जानते हैं कि, महुआ गर्मी के दिनों में हमारे गांवों के आस-पास आसानी से मिल जाता है। लगभग सभी जानते हैं कि, महुआ के सभी हिस्सों का उपयोग होता है और यह औषधि के रूप में ज्यादा उपयोग होता है। परन्तु, अब महुआ को खाने और औषधि के साथ चटनी बनाकर खाने में भी उपयोग कर सकते हैं। आज हम आपको ऐसे तरीके बताएंगे जिससे आप अपने हाथों से महुआ का स्वादिष्ट चटनी बनाकर खा सकते हैं। और आप यदि चाहें तो इसको आचार बनाकर अधिक मात्रा में बेच भी सकते हैं।


आज हम ग्राम पंचायत बांझीबन के आश्रित ग्राम सिरकी कला गये थे। जहाँ टिकैटिन बाई कंवर से मिले। उन्होंने हमें बताया कि, बाहर से आए प्रशिक्षण अधिकारी ने उनके समूह ‘प्रगति स्वसहायता समूह’ को महुआ से अचार बनाने का प्रशिक्षण दिया और साथ ही आवश्यक समान भी प्रदान किये।

टिकैटिन बाई

उन्होंने हमें आगे बताया कि, “महुआ का अचार आसानी से बनाया जा सकता है। इसके लिये हमें सर्वप्रथम एक चूल्हा और कड़ाही की जरूरत पड़ती है। फिर हम आधा किलो महुआ लेते हैं। आमतौर पर महुआ से थोड़ा दुर्गन्ध आती है और इसे दूर करने के लिये महुआ को नमक के साथ पानी में डूबा देते हैं और उसमें दो-तीन नींबू का रस डाल देते हैं। उसके बाद इसे पानी से निकाल कर चार से पांच घण्टा सुखाना होता है। इतने समय में पानी पूरा बाहर निकल जाता है। फिर चूल्हे में कड़ाही को गर्म कर दो कप सरसों का तेल डाल कर, तेल को गर्म कर लेते हैं। जब यह अच्छे से गर्म हो जाये तो इसमें गोल्डी जीरा पाउडर, गोल्डी का अमचूर्ण पाउडर, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च, मेथी दाना (हल्का पिसा हुआ) और सौंफ को डाल कर अच्छे से भून लेना है। ये सभी मसाले महुआ की मात्रा के अनुसार ही लेना है। और इन मसालों को एक साथ मिक्स कर लेना है। और यदि, महुआ क गन्ध नहीं गया हो तो इसे एक बार कुकर में एक सिटी लगा कर उबाल लेना है। फिर, इसे अच्छे से सूखा कर सभी मसालों के साथ सरसों के गर्म तेल के साथ अच्छे से मिला लेना है। इस प्रकार महुआ का एक बेहतरीन आचार बनकर तैयार हो जाता है। जिसे ठंडा होने के बाद डिब्बे में पैक कर सकते हैं।”

महुआ का आचार

इस महुआ का अचार को हमारे आदिवासी भाई-बहन लोग अपने घर में अपने हाथों से अधिक मात्रा में बनाकर, उसे बेच सकते हैं। यह आचार आसानी से कम खर्चे में बना सकते हैं। और अगर चाहे तो इसे दुकानों और बाजारों में भी बेच कर आय का एक अच्छा साधन बना सकते हैं। सभी आदिवासी बेरोजगार भाई-बहन से मेरा निवेदन है कि, अगर आपके पास किसी प्रकार का रोजगार नहीं है, पैसों की कमी है, तो महुआ के आचार बनाने के तरीक़े को जरूर अपनाए। इससे आप अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ एक सुखमय जीवन-यापन कर सकते हैं।


नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।

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