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प्रयागराज: आदिवासी समुदाय को क्या विरासत में मिली है पानी की गम्भीर समस्या?

जिला प्रयागराज के ब्लॉक शंकरगढ़ के गाँव लौंक कला के मजरा गोरूहाई में पानी की व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प पड़ चुकी है। गाँव के लोग गाँव से बाहर बने एक चुहड़े में जाकर पानी भरते हैं। इस छोटे से तालाब में गाँव के पशु-पक्षी भी पानी पीते हैं और नहाते हैं। ग्रामीण इसी गंदे पानी को पीने के लिए मजबूर हैं। गाँव में एक हैंडपंप तो लगा है लेकिन वो भी सालों से ख़राब पड़ा है और अब पूरी तरह से सूख चुका है।

न ही गाँव में सप्लाई का पानी आता है और न ही कोई पानी की टंकी है। गाँव के प्रधान ने एक बार गाँव में नल के लिए पाइप तो पड़वाए लेकिन वो काम भी बीच में ही रुक गया। क्यूंकि ये गाँव पथरीले पहाड़ों के ऊपर बसा है, इसलिए ज़मीनी स्तर से पानी का लेवल भी दिन पर दिन नीचे जा रहा है।


प्रधान नीलम का कहना है की वहां पानी की किल्लत है तो एक हैण्डपम्प लगवाने की आवाज़ उठाई जाएगी। कुएं के लिए तो वन विभाग ने रोक लगा दी है, लेकिन जल्द ही हैंडपंप की व्यवस्था की जाएगी।


सचिव आशुतोष का कहना है ये पथरीला इलाका है इस कारण यहाँ गंदा पानी आता है। लेकिन जल्द ही गाँव के हैंडपंप ठीक करवाए जायेंगे जिससे ग्रामीणों को और दिक्कत न हो।


नोट:- यह लेख ख़बर लहरिया की अनुमति के साथ पुनर्प्रकाशित किया गया है।

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