top of page
Writer's pictureJetho Singh Andil

आइए जानें मुनगा पेड़ से मिलने वाले लाभ के बारे में

पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित


मुनगा पेड़, दो तरह के होते हैं। पहला, बारहमासी मुनगा और दूसरा, वर्षीय मुनगा। इसको लगाने के लिए, बीज को या उसके मोटा डगाली को, काटने के तुरंत बाद लगाया जाता है। और उसमें, पानी डालकर जतन किया जाता है। मुनगा के पेड़ से, हमें अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। इसके फल एवं पत्ते और फूल, हमारे लिए बहुत ही उपयोगी और फायदेमंद होते हैं। यह फूलों व हरे-हरे पत्तों से और फलों से लदा हुआ रहता है। आदिवासी जनजाति के लोग, इस पेड़ के सभी फल, फूल और पत्ती से अलग-अलग तरीके के सब्जी बनाते हैं।

बारहमासी मुनगा का पेड़

मुनगा का पेड़, हर गांव-घर में मिलने वाला वृक्ष है। यह वृक्ष जंगल में नहीं होता है। इससे, हमें कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। यह खाने के लिए सब्जी के रूप में एवं दवाई के रूप में मुनगा के पत्ते का उपयोग किया जाता है। हमारे, गोंड जनजाति के आदिवासी, इसके भाजी एवं फल को बहुत ही चाव के साथ खाते हैं। क्योंकि, यह हमारे शरीर को किसी भी प्रकार से नुक्सान नहीं पहुंचाता है। बल्कि, यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है और साथ ही ताकत देता है। इसके पत्ते (भाजी) और फल (सहजन) को सब्जी के रूप में खानें से, हमारे शरीर को आयरन की भरपूर मात्रा मिलती है। मूनगा भाजी की सब्जी, गर्भवती माताओं के लिए, बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। डिलीवरी के पहले एवं बाद में, मुनगा के तीनों फूल, भाजी एवं फल को सब्जी के रूप मे सेवन कर सकते हैं।


दोनों प्रकार के मुनगा के पत्ते एवं फल को सब्जी के रूप में, पकाकर खाया जाता है। बारहमासी मुनगा, वह मुनगा है, जो बारह माह फलता-फुलता है। वर्षीय मुनगा वह है, जिसमें साल भर में, केवल एक ही बार फूल और फल लगता है। इसमें, दिसम्बर माह में फूल लगता है और मार्च-अप्रैल में फल तैयार हो जाता है। यह गर्मी के समय में, पुरी तरह से पक कर तैयार हो जाता है।

भाजी को काटते हुए

बारहमासी मुनगा, बारह माह फलने वाला मुनगा होता है। इसका स्वाद, वर्षीय मुनगा से अच्छा होता है। इसके पत्ते कड़वे नहीं लगते हैं। जबकि, वर्षीय मुनगा के पत्ते को, सब्जी बनाने से, हल्का कड़वा लगता है। इसके फूल को, धूप में सुखाकर रखा जाता है। और जब फल लग जाता है, तो छोटा-छोटा करी जैसे पतला रहता है। इसका फल, जब बड़ा होकर, पक जाता है। तब, उस फल के अन्दर से सफ़ेद करी को निकाला जाता है। उसको निकालने के बाद, उसकी 'बड़ी' बनायी जाती है। मुनगा के करी को, बड़ी बनाकर, धूप में सुखा कर रखा जाता हैै। ताकि, हमारे आदिवासी जरूरत पड़ने पर, इसको कभी भी सब्जी बना कर खा सकें। मुनगा का भाजी, हमारे शरीर के लिए, बहुत ही अच्छा एवं गुणकारी होता है। यह, हमारे शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाने का काम करता है।


नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।


Comments


bottom of page