5 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया, इसी तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ के मोहला के नागवंशी भवन में नागवंशी गोंड समाज शिक्षण एवं सोशल वेलफेयर समिति के बैनर तले विश्व पर्यावरण दिवस व नशा उन्मुलन कार्यक्रम मनाया गया। शुभारंभ मंचासिन अतिथियों द्वारा लाल श्यामशाह पूर्व जमींदार पानाबरस एवं भगवान बिरसा मुंडा के तैल चित्र पर पूजा अर्चना कर किया गया। अतिथियों का सम्मान एक पौधा भेंट कर पीला चावल से करने के बाद अलग-अलग विभाग से आए अतिथियों व समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा विविध प्रजाति का वृक्षारोपण किया गया तत्पश्चात मंचीय उद्बोधन किया गया।
उद्बोधन का शुरूवात नागवंशी गोंड समाज शिक्षण एवं सोशल वेलफेयर समिति के अध्यक्ष श्री संजीत ठाकुर द्वारा समिति के कार्यक्षेत्र पर बिंदूवार जानकारी दी गयी। अतिथियों ने अपनी बात रखते हुए पर्यावरण को सुरक्षित रखने एवं प्राकृतिक प्रदत चीज़ों को बचाने पर बल दिया और चिंता व्यक्त किए कि आज भी हमारे क्षेत्र में शिक्षा का आभाव होने की वजह से पूर्वजों द्वारा सुरक्षित रखे प्राकृतिक चीज़ों को बचाने में असफल हो रहे हैं, यदि आज से ही संकल्पित होकर जल जंगल ज़मीन को बचाने हेतू कमर कस लें तभी आने वाले पीढ़ी के लिये बचा सकते हैं। जनजातियों का प्राकृतिक के साथ अटूट संबध है वनों की अंधाधुंध कटाई से जनजाति संस्कृति भी खतरे में आ गयी है। नशा नाश का जड़ है इसे जड़ से मिटाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा निजात नाम से अभियान चलाया जा रहा है विभाग की सहायता एवं लोगों को सहयोग से ही इसपर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
आज हमें पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को जागृत कर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की ओर जाकर अपनी जल जंगल ज़मीन और अपने देव धामी संस्कृति को बचा सकते है। नागवंशी गोंड समाज मोहला, अंचल चौकी के तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस एवं जल जंगल ज़मीन बचाओ, हसदेव अरण्य बचाओ के कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण करके पर्यावरण को संरक्षित एवं सुरक्षित करने हेतु छोटा सा प्रयास किया गया।
युवाओं द्वारा पत्तों से बनाया गया दोना (प्लेट) में स्वल्पाहार में हेतू फल दिए गए तथा पेय हेतु पटवा गूडा से बना सरबत को सभी सगाजनों को वितरित कर प्रकृति से जोड़ने का प्रयास किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आम जन व समाजिक कार्यकर्ता युवक/युवती उपस्थित थे।
नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।
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