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महात्मा गांधी रोजगार गारंटी क्या है और यह ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासियों की मदद कैसे कर सकता है?

Writer's picture: Ishwar KanwarIshwar Kanwar

सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार देने का हर संभव प्रयास करती है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत नया तालाब निर्माण एवं गहरीकरण के माध्यम से बेरोजगार लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। ताकि लोग इस कार्य के माध्यम से पैसा कमा सके और अपना जीवन यापन कर सके।

मनरेगा के तहत प्रगति में काम करते हैं, केवल प्रतिनिधित्व उद्देश्यों के लिए फोटो I Photo by Rajankila (Wikipedia)

आज हम ग्राम पंचायत छुरी खुर्द गए थे जहाँ लोगो को रोजगार देने के लिये रोज़गार गारंटी कार्य चलाया जा रहा है । इस कार्य का संचालन सरपंच, रोजगार सहायक, पंच, और मेट मुंसी के माध्यम से चलाया जा रहा है जिसमे सरपंच श्री प्रमोद भरिया , इस कार्य के अंतर्गत एक जॉबकार्ड में 150 दिन का रोजगार दिया जाता है जिसमे एक दिन का रोजी एक गोदी (गड्ढा) 198 रुपये प्रति गोदी (गड्ढा)की दर से दिया जाता है। एक जॉब कार्ड में एक से पांच सदस्य रह सकते है लेकिन इन पांच सदस्यों को एक साल में 150 रोजी दिया जाता है। इस कार्य को पंचायत का कोई भी सदस्य कर सकता है। अन्य पंचायत का कोई भी सदस्य इस कार्य मे भाग नही ले सकता है । इस कार्य को करने के लिये सबसे पहले मांग पत्र भरवाया जाएगा जो भी व्यक्ति इस कार्य योजना के अंतर्गत काम करना चाहता है वो अपना मांग पत्र भरवाता है इस मांग पत्र को भरवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज (अपना आधार कार्ड और अपना बैंक पास बुक की आवश्यकता होती है )मांग पत्र भरने के पश्चात उसे जनपद कार्यालय भेजा जाता है ।उसके पश्चात उस भरे गए फार्म के अनुसार मास्टर रोल लिस्ट निकाला जाता है ।और उस लिस्ट में जिनका नाम होगा वह व्यक्ति इस कार्य में सम्मिलित हो सकते हैं ,अन्यथा नहीं हो सकते । फॉर्म भरने की प्रक्रिया हर सप्ताह किया जाता है ।नया तालाब निर्माण रोजगार गारंटी का कार्य सोमवार से शनिवार तक रहेगा तथा रविवार को छुट्टी रहेगी । इस कार्य को करने के लिये लोगों को सुबह 6 बजे आना है। जिसकी संख्या लगभग 150 से 200 तक रहेगी और 12 बजे तक अपना कार्य पूरा करने के पश्चात सभी लोग 12 से 1 बजे तक घर वापस हो जाएंगे । वहाँ से आने के बाद लोग अपने घरेलू कामकाज को भी पूरा कर सकते है।


मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य


इस योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्य कराया जाएगा , जिसमें से प्रमुख कार्य इस प्रकार से है |


1 : तालाब निर्माण (जल संरक्षण)।

2 : भूमि की कटाव एवं सूखे की रोकथाम के लिये पेड़ लगाए जाएंगे ।

3 : बाढ़ के नियंत्रण के लिये बड़े बड़े बांध का निर्माण किया जाएगा ।

4 : बंजर भूमि विकास ।

5 : विभिन्न तरह के आवास निर्माण (ग्रामीड एवं शहरी)

6 : लघु सिंचाई ।

7 : बागवानी ।

8 : ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण ।

9 : कोई भी ऐसा कार्य जिसे केंद्र सरकार राज्य सरकारों से सलाह लेकर अधिसूचित करती है |


रोजगार गारंटी से लाभ

रोजगार गारंटी के माध्यम से गांव के लोगों को अपने ही गांव में रोजगार दिया जाएगा । अक्सर गांव में बेरोजगार लोग अधिक मात्रा में पाए जाते हैं । गाँव के लोग इस योजना में काम करके पैसा कमा कर अपना जीवन यापन या परिवार चलाने में सहायता मिलेगी तथा इस योजना के माध्यम से अपने गांवो का विभिन्न प्रकार से विकास है होगा । जैसे - कच्ची सड़क निर्माण, आवास घर निर्माण, नया तालाब निर्माण, तालाब गहरी करण, समतली करण सीसी रोड, कूप निर्माण इत्यादि बहुत सारी योजनाओ के माध्यम से लोगो को लाभ पहुँचाया जाएगा ।


रोजगार गारंटी में समस्या

1) गांव के लोगों को पूरे साल भर रोजगार नहीं मिल पाता ।

2) लोगों को पूरे एक साल में सिर्फ 100 से 150 दिन ही रोजगार दिया जाएगा ।

3) कभी कभी साल में एक 2 महीने का ही काम चल पाता है।

4) रोजगार गारंटी में किया गया कार्य की पैसा सही समय मे नही मिल पाता ।

5) गांवो में तालाब निर्माण के लिए काफी लम्बा चौड़ा जगह की जरूरत होता है ।और उनके पास इसकी कमी रहती है।

6) मास्टर रोल सूची में नाम नहीं रहेगा उस स्थिति में लोग काम नहीं कर सकते ।जिसके कारण लोग काफी परेशानियों का सामना कर सकते हैं ।

7) रोजगार गारंटी में काम करने के बाद अगर अकाउंट नंबर में थोड़ा सा मिस्टेक हो गया तो पैसा नही मिल पाएगा ।


नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।


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